यूनिकोड - कम्प्यूटर पर भारतीय भाषाओं के लिए वरदान है. आज मैंने पहली बार नेट पर सीधे तरीके से हिन्दी में अपनी बातें लिख रहा हॅूं. यह इतना आसान है, इसे मैं नहीं जानता था. जीवन में प्रयोगधर्मी होना आवश्यक है. शायद यदि यह प्रयोग की ललक मेरे मन में नहीं होती तो हिन्दी यूनिकोड के बारे में या उसके प्रयोग के बारे में मैं नहीं जान पाता.
अब मैं नेट पर ऑन लाईन प्रतिदिन की डायरी, मित्रों को संदेश, ई-मेल सीधे में लिख कर भेज सकता हॅूं. जो कोई भी मेरे ब्लॉग को देख रहा हो या पढ़ रहा हो, वे सभी हिन्दी यूनिकोड के प्रयोग को जानते होंगे , ऐसा मेरा विश्वास है.
अमृतांशु रात्रि - 10.10 गुरूवार वाराणसी
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